नागरिकता संशोधन कानून को लेकर शहर क्षेत्र में गत 20 दिसंबर को हुए उपद्रव को एक पखवाड़ा बीत चुका है, लेकिन कई सवाल अनसुलझे हैं, जिसमें अहम सवाल यही है कि उपद्रव के दौरान आखिर फायरिंग किसने और कहां से की? क्योंकि कई लोग गोली लगने से घायल हुए थे।
गत 20 दिसंबर को शहर क्षेत्र में कई स्थानों पर उपद्रव हुआ था। करीब ढाई घंटे बाद उपद्रव थमा, तो लाखों की निजी व सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान हो चुका था। एडीजी प्रशांत कुमार सहित करीब 30 लोग घायल हुए थे। इनमें से पांच लोगों को गोलियां लगीं थीं, जिनमें एसपी सिटी सतपाल आंतिल भी शामिल हैं। गोली लगने वालों में चार अन्य नूर मोहम्मद उर्फ नूरा, निवासी दक्षिणी कृष्णापुरी, समीर अहमद निवासी खादरवाला, शादाब निवासी सरवट और नौशाद निवासी खालापार शामिल थे। उपद्रव की जांच के लिए नोडल अधिकारी एसपी क्राइम आरबी चौरसिया के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया जा चुका है, लेकिन यह पता नहीं चला है कि फायरिंग में लोगों को जो गोलियां लगीं, वे किस असलाह (लाइसेंसी या अवैध) से चलीं ।
मीनाक्षी चौक से मिले थे बड़ी तादाद में हथियार
मुजफ्फरनगर। उपद्रव के बाद मीनाक्षी चौक क्षेत्र से बड़ी तादाद में अवैध असलहे बरामद किए गए थे। इंस्पेक्टर अनिल कपरवान के अनुसार, बरामद असलहों में छह तमंचे, चार देशी बंदूक व रायफल, एक पिस्टल के साथ ही चाकू और तलवारें, पेट्रोल की बोतलें और कारतूस व खोखे बरामद किए गए थे।
चल रही है जांच
एसएसपी अभिषेक यादव का कहना है कि यह सब बिंदु जांच का विषय हैं, जिनकी जांच एसआईटी कर रही है। जांच के दौरान सब बिंदु निकलकर सामने आ जाएंगे, जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी निश्चित है।
आखिर किसने और कहां से चलाई थीं गोलियां ?